श्री हित प्रेमानंद जी महाराज
आज-कल के पढ़े-लिखे लोगों के आचरण पर
क्या कह रहे है -
जय जय श्री राधा
बहुत पढ़े-लिखे हो और शराब पीकर नाली में कीड़े की तरह पड़े हो
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माता-पिता का अपमान कर रहे हो मनमानी व्यभिचार कर रहे हो, ये पढ़ाई-लिखाई है क्या हुआ पढ़ा-लिखा के
पढ़े-लिखे माता-पिता को ऐसे डांट देते है जैसे कोई नौकर से बात करता है
हम स्वतंत्र है, अरे विषयों के गुलाम तू कब स्वतंत्र हो गया
जय जय श्री राधा
स्वतंत्र तो परमहंस जन होते है जिन्होंने इन्द्रियों को अब जीत लिया है
और भगवदानंद में मस्त हो वो स्वतंत्र है
जय जय श्री राधा
इन्द्रियों के गुलाम तुम स्वतंत्र हो, जो विषय जब चाहे तुम्हें गिरा देता है तुम स्वतंत्र हो
जय जय श्री राधा
माता-पिता, गुरु और शास्त्र, इनकी परतंत्रता स्वीकार करने वाला ही स्वतंत्र होता है
श्री हित प्रेमानंद जी महाराज का जीवन परिचय