श्री हित प्रेमानंद जी महाराज कह रहे है भगवान उसे कभी क्षमा नही करते जो
जय जय श्री राधा
दुखिया को न सताइये
दुखिया देगा रोई
जब दुखिया के मुखिया सुने
तब तेरी गति क्या होय
राम चरित मानस में लिखा है किजो अपराध भक्त कर करईराम रोष पावक सो जरई
महातपस्वी दुर्वासा के होश उड़ गए अम्बरीश जी ने एक शब्द भी नही कहा लेकिन परास्त कौन हुआदुर्वासा परास्त हो गए
महातपस्वी एक शब्द भी नही बोला एक शब्द भी अम्बरीश जी ने नही बोला और त्रिभुवन में भागना पड़ा उस महातपस्वी को
और कही भी ठौर नही मिली
अंततोगत्वा अम्बरीश के ही चरण पकड़ लिए ये है हमारे स्वामी के आश्रय का मौन मौन हो गए तो देखिये स्वामी ने क्या किया भेज दिया सुदर्शन चक्र को महातपस्वी की तपस्या मारी घूमती रही
जय जय श्री राधा
सब जगह भाग के गया कही ठौर नही मिली ऐसे ही चुप रहिये हम चुप है तो हमारा मालिक बहुत सामर्थ्यवान है वह हिसाब कर देगा अगर हिसाब नही हुआ तो हमारा हिसाब हुआ पक्का समझ लो