बहुत ज्यादा सोचता हूं, डर लगता है, क्या करूं? | Premanand Ji Maharaj Pravachan

बहुत ज्यादा सोचता हूं, डर लगता है, क्या करूं?

प्रियजन, यह लेख पूज्य गुरुदेव भगवान Shri Hit Premanand Ji Maharaj के कहे गए सत्संगो से लिया गया है जहाँ महाराज जी के दरबार में आये एक भगत जी गुरुदेव भगवान से कहते है, बहुत ज्यादा सोचता हूं, डर लगता है, क्या करूं? तो इस पर गुरुदेव कह रहे है उसे साधकों को ध्यान से पढ़ना चाहिये

पूज्य गुरुदेव भगवान जो भी कहते है वो जीवन के लिए अनमोल है

टाइम क्यों देते हो सोचने का राधा राधा सोचो लोक परलोक मंगलमय होगा। आपके सोचने से कुछ नहीं होगा सामने जो कर्तव्य आया है उसे धैर्य पूर्वक कीजिए। और सोचने वाले डिपार्टमेंट में सोच डालो राधा राधा राधा हमारे सोचने से कुछ बन बिगड़ थोड़ी जाएगा। राधा राधा सोचोगे तो जो तुम्हें बिगाड़ने वाले हैं वो उन्हें बिगाड़ देगा। फालतू का क्यों सोचते हो, समय क्यों बर्बाद करते हो, राधे राधे बोलो यहीं से तुम्हारा बन जाएगा । अगर हम आगामी भविष्य वर्तमान का चिंतन करके हम प्रिया लाल को भूल रहे हैं तो यह बहुत बड़ी मूर्खता है ,होगा वही प्यारे जो निश्चित हो चुका है अब निश्चय को अगर कोई टाल सकता है तो एक महान शक्ति है राधा राधा राधा…

अब क्या होगा? आगे वही होगा जिसमें हमारा परम मंगलमय होगा !शरणागत हैं राधे-राधे जी के, अगर वह हमारा हाथ पकड़े हैं तो कुछ नहीं बिगड़ेगा। बहुत ही खतरनाक खेल है बेमतलब संशय, बेमतलब सोच , धीरे-धीरे आपकी शक्ति को कमजोर कर देगा ऐसे मैं आपको बीमार कर देगा। फिर दवाइयां भी काम नहीं आएगी ऐसे बिल्कुल नहीं रहना है। बहुत कीमती समय है ,बहुत कीमती जीवन है, इसको बहुत अच्छे काम में लगाना है, उत्साह प्राप्त पुरुष सब कुछ कर सकता है निरोतसाहित कितना भी बलवान हो किसी काम का नहीं रह जाता। सफलता असफलता प्रभु के हाथ में है। कर्तव्य आप ठीक से करो। आप नाम जा करेंगे तो हर समय आनंदित हैं, उत्साहित हैं ,तो आप सुखी जीवन मंगलमय रहेगा।

आप सुखी से प्रभु के पास जाएंगे ।खेल ऐसा खेलो जिसमें घाटा ना हो ,राधा राधा बोलते रहो तो कभी भी कोई बांधा परास्त नहीं करेगी। संयम से रहो व्यायाम करो ,सत्संग सुनो सब को सुख पहुंचाने की कोशिश करो, और कमल जैसे खिले रहोगे, प्रसन्न रहोगे, क्योंकि धर्म से चल रहे हो। वासना से प्रेरित होकर शरीर से नष्ट, बुद्धि से नष्ट, मन से नष्ट, जीवन नष्ट, क्या मुर्दे जैसे जीवन। जो इंद्रिय जैसा चाहे वैसा हमें दंड दे दे। जैसा चाहे हमें सुख दे दे क्यों? थोड़ा सा साहसी बनो भगवान के अंश हो। तुम कुछ भी कर सकते हो कुछ भी? बुरा से बुरा भला से भला। तो बुरा का परिणाम बुरा होता है। भले का भला होता है। क्यों नहीं आगे बढ़ो भलाई के तरफ।

हम भगवान के अंश हैं थोड़ा दुख आए तो हम रो दिए, और थोड़ा सुख हुआ तो हम नाचने लगे नहीं नाचना है तो हमें हमेशा नाचना है ।भारी से भारी दुख में भी और सुखी में भी अगर रोना है तो केवल प्रभु के लिए रोना है झुकना है तो केवल प्रभु के भागवत में, हमारे सामने जो कुछ हो उस पर डटे रहना है। एक गंभीर स्वभाव बनाओ ,एक उत्तम विचार बनाओ, एक उत्तम कार्यरत रहो, देखना तुम्हारे जीवन में चमत्कार हो जाएगा ।जो अपनी मन और इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर लिया वह पूरे विश्व पर विजय प्राप्त कर लिया। बल्कि जो पूरे विश्व पर विजय प्राप्त किया है और अपने मन और इंद्रियों पर विजय प्राप्त नहीं किया है ,वह पूरी तरह से हारा हुआ है। निराश होने के लिए मानव शरीर मिला है भूखे रहकर भी मुस्कुराएंगे। हमारे पास ज्ञान है, हमारे पास भगवान का बल है, ऐसे सोच में बहते चले जाए। ऐसा नहीं करना है ,तुम्हारे अधीन वो है तुम उसके अधीन नहीं हो। हर कष्ट को तुम जीत सकते हो, अगर अभी तुम निश्चित कर लो मैं मरा। तो अब तुमको कोई नहीं मार सकता क्योंकि आप निर्भयता स्वीकार कर लिए हो।

अंदर का शत्रु कर रहा परेशान

तुम्हारे अंदर के शत्रु तुम्हें परेशान कर रहे हैं, तुम उन्हें अपना मित्र मान बैठे हो, मन जैसा कह रहा है तुम वैसा ही कर रहे हो ,कभी अपने अंदर के दुश्मन को पहचाना। उसको जीत गए तो निहाल हो गए। पूरा जगत जीत गए, परमात्मा में मगन हो जाओगे।हर एक व्यक्ति के अंदर इतना आत्मबल है कि वह सब कुछ सह सकता है। वह शक्ति क्यों नहीं जागृत करते हो ,यही भूल है यह सब कुछ कर सकते हैं, हम नहीं कर सकते ।क्यों नहीं कर सकते बड़ी से बड़ी स्थित जितनी भी है चाहे छोटी बनी है चाहे बड़ी है हमारे लिए। हम तैयार हैं । इसीलिए हर देश का नागरिक हर पद पर बैठ सकता है ।ऐसे भगवान का बच्चा हर ऊंचाई पर चढ़ सकता है । थोड़ा आगे बढ़ो प्रभु के नाम का जाप करो ,धर्म से चलो और व्यायाम करो । सुबह उठो 4:00 बजे ।दंड बैठक करो 1 घंटा सब दिमाग ठीक चलने लगेगा।

हमारे नौजवान भाई लोग मदिरा पान, नशा करना ,यह एक मनोरंजन का साधन बना लिए हैं। यह सबसे बड़ा जीवन का घातक विषय है। यह तुम्हें लौकिक पारलौकिक दोनों विपत्तियों को नष्ट कर देगा इसलिए आपको सचेत करते हैं कि यही वह समय है जो आप को महान बना सकता है। यदि आप स्वयं से रहोगे कोई नशा नहीं करोगे। धैर्य पूर्वक विचार करो यह जीवन बर्बाद मत करो। मित्र बनाना है तो श्री कृष्ण जी से करो जिनके मित्र कृष्ण जी हैं वह कभी भी कहीं भी परास्त नहीं हो सकता अर्जुन परास्त हुए क्या क्योंकि उनके साथी बने बैठे थे। एक जवान पूरे भारत को बचा सकता है आप सच्चे आचरण वाले हैं तो पूरे लाखों देशवासियों क्या पूरे विश्व के दिलों पर प्रभाव डाल सकते हो अच्छे आचरण वाले मित्र बनाओ प्रभु को नमन करो आपका कल्याण होगा सुखी रहोगे। राधे-राधे राधे राधे

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