Site icon PREMANAND JI MAHARAJ

Shiv vivah katha premanand ji maharaj

  1. यह मात्र एक विवाह ही नहीं है अपितु हर एक मानव के लिए सीख है, आपकी चेतना के उद्गम के लिए पर्याप्त प्रेरक है ।
  2. सबसे पहली सीख यह मिलती है कि अगर आप किसी भी प्रण को ठान लेते हैं और उस दिशा में अथक परिश्रम और प्रयास करते हैं तो स्वयं भगवान को भी आपके आगे झुकना पड़ता है ।
  3. इस विवाह से यह भी सीखने की मिलता है कि भक्ति करने वाले पर भगवान की असीम अनुकंपा होती है और अपने कार्य को लेकर सजग रहने वाले पर भगवान का आशीर्वाद सदैव रहता है ।
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