पति-पत्नी का साथ सात जन्मों का होता है इस पर प्रेमानंद जी महाराज कह रहे है

जय जय श्री राधा

नहीं यह सब बेकार की बातें हैं जो लोग कहते हैं मैं आपका साथ नहीं छोडूंगा सात जन्मों तक, यह कैसे होगा?

जीव अपनी कर्म की गति के अनुसार साथ रहते हैं। कोई कोई तो कहता है सात जन्म नहीं बल्कि मैं जन्म-जन्म तक साथ रहूंगा।

वह समझते हैं हम काल को अपने अधीन किए हैं। जैसा हम चाहेंगे वैसा ही होगा। जैसा की मान लो आपके द्वारा कोई अपराध हो जाए ,और आपको कानूनी सजा मिले, तो क्या आपकी पत्नी को भी आपके साथ रहने को मिलेगा?

नहीं मिलेगा! और अगर पत्नी हत्या कर दे किसी का और वह जेल जाए तो ,क्या आपके साथ रहने को मिलेगा!

और अगर पत्नी हत्या कर दे किसी का और वह जेल जाए तो ,क्या आपके साथ रहने को मिलेगा! तो यहीं तुम साथ-साथ नहीं निर्वाह कर सकते , तो आगे सात जन्म क्या बात है ।

जय जय श्री राधा

तो असत्य है यह सात जन्मों वाली बात, आगे तो अलग बात है। अगर पत्नी अच्छे कर्म करेगी तो स्वर्ग जाएगी। और तुम गलत काम करोगे तो तुम नरक जाओगे।

 वह आगे क्या बनेगा, वह क्या बनेगी ,यह सब अलग-अलग खेल हैं तुम्हारे केवल कहने से नहीं होगा। तुम्हारा काम है प्रभु का भजन कीर्तन करना।