जीवन में क्या करें कि अंतिम समय पछतावा न हो इस पर श्री प्रेमानंद जी महाराज कह रहे है

जय जय श्री राधा

हमे किसी से कुछ नही चाहिये आपकों सुखी देखना चाहते है बस विश्वास करो आपका भ्रम हटाना चाहते है 

ये जो बैठ गया है कि मैं भोगों से सुखी हो जाऊंगा कामनाओं से सुखी हो जाऊंगा ये तुम्हारे साथ छल किया जा रहा है 

ये माया मलिन तुम्हारे समय को नष्ट कर रही है अंतिम समय तुम्हें पछतावा होगा 

अगर एक बार भी भगवन नाम नही लिया तो केवल पाप और पुण्य दो ही कमा के ले जा पाओगे 

दोनों बंधन है एक सोने की जंजीर है और एक लोहे की 

जय जय श्री राधा

लेकिन यदि राम कृष्ण राधा एक भी जप लिए तो तुम्हारे रजिस्टर में एक बार तो आ जायेगी ना कि 

ये दस बार राधा-राधा बोला दस बार कृष्ण-कृष्ण बोला अब भारी पड़ जायेगा हिसाब करने में न्यायधीश को 

एक नाम त्रिलोकही तारे इसलिए नाम जप करना और निर्भय रहना और अपना कर्तव्य करते रहना- राधा-राधा