श्री हित प्रेमानंद जी महाराज बुरे कर्म पर क्या कह रहे है -

जय जय श्री राधा

बड़े भाग्य से मानव जन्म मिला है 

कर्म इसे कोई खिलवाड़ में मत लीजिये ये जो लोग कहते है अरे थोड़े दिन का जीवन मिला है मस्ती कर लेते है

मस्ती का क्या स्वरुप बोले शराब पियो, मांस खाओ, व्यभिचार करो मनमानी आचरण करो मौज लो, ये मौज नही मौत है,

ये महान दुखदायी कर्म जो भ्रष्ट आचरण कर रहे हो ये जब अपना स्वरुप प्रकाशित करेंगे तो तुम्हारी धज्जियाँ उड़ जाएँगी तुम क्या बड़े बड़े हो लोग न रहे 

जय जय श्री राधा

रहे न रावण सम अभिमानी हिर्नाकश्यप सम वरदानी खान विभव की खान जगत में कुछ दिन के मेहमान भजले श्री भगवान जगत में कुछ दिन के मेहमान 

जय जय श्री राधा

कुछ दिन के लिए तुम्हें स्वतंत्रता मिली है अगर इसका दुरुपयोग करोगे तो तुम्हारा कर्म ही तुम्हें नष्ट कर देगा

जय जय श्री राधा

इसलिए संयम रखो महारानी जी या जिस भी ईष्ट को मानते हो उनके नाम का ह्रदय से प्रेम पूर्वक जाप करो 

जय जय श्री राधा