श्री हित प्रेमानंद जी महाराज कह रहे है ह्रदय में भगवान का प्रकाश कब होता है

जय जय श्री राधा

कुछ ऐसे लक्षण होते है जिनसे पता चल जाता है कि भगवान का प्रकाश इनके ह्रदय में हो गया है

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1- उनकी वाणी शास्त्र सम्मत होगी , उनके आचरण उनकी वाणी से मिलते होंगे 

2- वाणी में कुछ और है आचरण में कुछ और है मन में कुछ और है ये असाधु का लक्षण होता है

जय जय श्री राधा

साधू का लक्षण होता है जो वाणी में वही मन में वही आचरण में

जय जय श्री राधा

3- जिनके दर्शन मात्र से ऐसा लगने लगे कि ये मेरे है मैं पहली बार देखा हूँ लेकिन लग रहा है मैं बहुत परिचित हूँ 

जय जय श्री राधा

क्योंकि जो बहुत परिचित होता है प्रभु का उनके ह्रदय में प्रकाश होता है एक अलौकिक आकर्षण होता है एक सहज अपनापन होता है