Premanand ji maharaj सही गलत की पहचान कैसे करें in 2025
by Bhakt

Premanand ji maharaj सही और गलत की पहचान कैसे करें in 2025 : हमारे जीवन में सही और गलत की पहचान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह केवल हमारे व्यक्तिगत निर्णयों पर ही नहीं, बल्कि समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी और धर्म का पालन करने की समझ पर भी आधारित है। सही और गलत का निर्णय करना एक साधना है, जो विवेक, ज्ञान, और अनुभव से परिपूर्ण होती है। प्रेमानंद जी महाराज ने अपने प्रवचनों में इस विषय पर गहराई से चर्चा की है। आइए उनके विचारों और मार्गदर्शन को समझने का प्रयास करें।
Table of Contents
सही और गलत की अवधारणा : Premanand ji maharaj:
सही और गलत की पहचान के लिए यह समझना आवश्यक है कि ये केवल बाहरी नैतिकता या नियमों तक सीमित नहीं हैं। ये हमारे अंतर्मन, संस्कार और मूल्यों के आधार पर तय होते हैं। समाज में सही और गलत के मापदंड बदल सकते हैं, लेकिन हमारे भीतर का विवेक सदैव सही मार्गदर्शन करता है। महाराज जी कहते हैं:
“सत्य की पहचान का आधार हमारा अंतरात्मा और शास्त्रों का ज्ञान है।”
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विवेक का महत्व : Premanand ji maharaj
सही और गलत की पहचान के लिए विवेक सबसे बड़ा साधन है। विवेक का अर्थ है—सही को गलत से अलग करने की क्षमता। जब हम किसी कार्य को करने से पहले सोचते हैं कि इसका परिणाम क्या होगा, तब हमारा विवेक हमें उचित मार्गदर्शन देता है।
महाराज जी ने विवेक को भगवान का दिया हुआ सबसे बड़ा उपहार बताया है। उन्होंने कहा:
“जब भी कोई निर्णय लो, अपने भीतर की आवाज सुनो। यदि तुम्हारा अंतर्मन शांत है, तो समझो कि तुम सही हो।”
शास्त्रों और धर्म का मार्गदर्शन : Premanand ji maharaj
सही और गलत की पहचान में शास्त्रों और धर्म का योगदान महत्वपूर्ण है। भगवद्गीता, उपनिषद, रामायण जैसे ग्रंथ हमें जीवन के सिद्धांत सिखाते हैं। प्रेमानंद जी महाराज ने कहा है कि शास्त्रों को पढ़ने मात्र से नहीं, बल्कि उनके गूढ़ अर्थ को समझने से सही मार्गदर्शन मिलता है।
उदाहरण के लिए, गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया:
“धर्म को समझने का अर्थ यह है कि जो कार्य सबके हित में हो, वही धर्म है।”
धर्म का अर्थ केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि वह आचरण है जो समाज और आत्मा दोनों के लिए हितकारी हो।
अनुभव का महत्व : Premanand ji maharaj
जीवन के अनुभव भी हमें सही और गलत की पहचान करने में सहायता करते हैं। हर गलती एक शिक्षा है, और हर सही निर्णय एक उपलब्धि। अनुभव हमें सिखाते हैं कि किन परिस्थितियों में कौन सा निर्णय सही होगा। महाराज जी कहते हैं:
“जो अनुभव से सीखेगा, वह जीवन में कम गलतियाँ करेगा।”
अहंकार और मोह से बचाव : Premanand ji maharaj
सही और गलत की पहचान में सबसे बड़ी बाधा अहंकार और मोह है। अक्सर हम अपने स्वार्थ या इच्छाओं के कारण गलत को सही मान लेते हैं। यह मन की कमजोरी है। महाराज जी ने अपने उपदेशों में कहा:
“अहंकार और मोह इंसान को सत्य से दूर कर देते हैं। जो व्यक्ति इनसे मुक्त है, वह सही निर्णय लेने में सक्षम होता है।”
ध्यान और आत्मनिरीक्षण का महत्व : Premanand ji maharaj photo
सही और गलत की पहचान में ध्यान और आत्मनिरीक्षण अत्यंत सहायक होते हैं। नियमित ध्यान करने से हमारी मानसिक शक्ति और अंतर्मन की स्पष्टता बढ़ती है। आत्मनिरीक्षण हमें अपने कार्यों और विचारों का मूल्यांकन करने का अवसर देता है। महाराज जी ने कहा है:
“यदि तुम हर रात सोने से पहले अपने पूरे दिन का विश्लेषण करो, तो तुम्हारी गलतियों का एहसास होगा और तुम सही दिशा में बढ़ोगे।”
समाज और परंपरा का ध्यान : Premanand ji maharaj
समाज के नियम और परंपराएं भी सही और गलत की पहचान में एक भूमिका निभाते हैं। हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि हम अंधानुकरण न करें। जो परंपरा मानवता के कल्याण में सहायक हो, वही सही है। महाराज जी ने इस पर कहा:
“समाज के नियमों का पालन करो, लेकिन जहाँ वे सत्य और न्याय से भटकते हैं, वहाँ अपने विवेक का प्रयोग करो।”
कुछ व्यावहारिक कदम : Premanand ji maharaj
- विवेक को जागृत करें: हर कार्य करने से पहले उसके परिणाम पर विचार करें।
- धार्मिक ग्रंथ पढ़ें: इनसे सही और गलत के सिद्धांतों को समझा जा सकता है।
- बड़ों का मार्गदर्शन लें: उनके अनुभव से सीखें।
- अहम और स्वार्थ से बचें: निर्णय लेते समय निष्पक्ष रहें।
- ध्यान और योग का अभ्यास करें: इससे मन शांत और स्पष्ट होगा।
- सामाजिक हित को प्राथमिकता दें: जो समाज और दूसरों के लिए लाभकारी हो, वही सही है।
निष्कर्ष : Premanand ji maharaj
सही और गलत की पहचान करना एक निरंतर प्रक्रिया है। यह केवल बाहरी नियमों पर निर्भर नहीं, बल्कि हमारे भीतर की समझ और आत्मा की शुद्धता पर आधारित है। प्रेमानंद जी महाराज ने अपने प्रवचनों में यही संदेश दिया है कि जब हमारा अंतर्मन शांत हो और हमारे कार्य सबके लिए हितकारी हों, तब ही हम सही मार्ग पर हैं।
“सत्य का अनुसरण करो और अपने जीवन को ऐसा बनाओ कि तुम दूसरों के लिए प्रेरणा बन सको। यही सही और गलत की पहचान की कुंजी है।”
इस विषय पर महाराज जी के श्रीमुख से सम्पूर्ण प्रवचन सुनने के लिए क्लिक करें

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Premanand ji maharaj सही और गलत की पहचान कैसे करें in 2025 : हमारे जीवन में सही और गलत की पहचान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह केवल हमारे व्यक्तिगत निर्णयों पर ही नहीं, बल्कि समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी और धर्म का पालन करने की समझ पर भी आधारित है।…