Weight gain kaise kare by premanand ji maharaj

Weight gain kaise kare by premanand ji maharaj : आयुर्वेद से वजन कैसे बढ़ाएं? (प्रेमानंद जी महाराज के विचारों के अनुसार) आयुर्वेद, भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति, केवल बीमारियों के इलाज का साधन नहीं है, बल्कि यह स्वस्थ जीवन जीने की एक पूर्ण प्रणाली है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग वजन बढ़ाने या घटाने को लेकर चिंतित रहते हैं। वजन बढ़ाने की समस्या उन लोगों के लिए अधिक होती है, जो दुबले-पतले शरीर के कारण आत्मविश्वास की कमी महसूस करते हैं या शारीरिक कमजोरी से परेशान रहते हैं।
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, आयुर्वेद वजन बढ़ाने के लिए न केवल एक स्वस्थ तरीका प्रदान करता है, बल्कि यह आपके शरीर और मन को संतुलित भी करता है।


आयुर्वेद के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति का शरीर तीन दोषों—वात, पित्त, और कफ—के संतुलन पर आधारित होता है। वजन कम होने का मुख्य कारण इन दोषों में असंतुलन है। आयुर्वेद का उद्देश्य इन दोषों को संतुलित करके शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाना है।

वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में दो मुख्य पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है:

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि शरीर को स्वस्थ रूप से वजन बढ़ाने के लिए केवल कैलोरी की मात्रा बढ़ाना ही काफी नहीं है। इसके लिए शरीर को उचित पोषण और संतुलित जीवनशैली की आवश्यकता होती है।


आयुर्वेद में वजन कम होने के निम्नलिखित कारण बताए गए हैं:


  • अश्वगंधा: यह एक अद्भुत जड़ी-बूटी है जो शरीर को ताकत देती है और वजन बढ़ाने में मदद करती है।
  • शतावरी: यह हड्डियों को मजबूत करती है और शरीर को आवश्यक पोषण देती है।
  • च्यवनप्राश: प्रतिदिन एक चम्मच च्यवनप्राश का सेवन करने से इम्यूनिटी बढ़ती है और शरीर को ताकत मिलती है।
  • विदारीकंद: यह पाचन को सुधारता है और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
  • त्रिफला: रात को सोने से पहले त्रिफला का सेवन करें। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
  • अजवाइन और सौंफ: भोजन के बाद अजवाइन और सौंफ के पानी का सेवन करें।
  • जीरा और घी: जीरे को घी में भूनकर खाने से पाचन तंत्र में सुधार होता है।

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, योग और ध्यान से शरीर और मन को स्वस्थ रखा जा सकता है। वजन बढ़ाने के लिए निम्नलिखित योगासनों का अभ्यास करें:

  • भुजंगासन (Cobra Pose): यह शरीर को मजबूत बनाता है।
  • सर्वांगासन (Shoulder Stand): यह शरीर के हार्मोन्स को संतुलित करता है।
  • बालासन (Child’s Pose): यह तनाव को कम करता है और पाचन में सुधार करता है।
  • प्राणायाम: गहरी सांस लेने की तकनीकें शरीर को ऊर्जा प्रदान करती हैं।
  • सुबह जल्दी उठें और सूर्योदय के समय ध्यान और योग करें।
  • समय पर भोजन करें और रात में हल्का भोजन करें।
  • आठ घंटे की गहरी नींद लें।
  • इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी बनाएं और मानसिक शांति पर ध्यान दें।

वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में नियमित तैल मालिश का विशेष महत्व है। तिल का तेल, नारियल तेल, या घी का उपयोग करके मालिश करने से शरीर को पोषण मिलता है और रक्त संचार बेहतर होता है।



प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, शरीर और मन का संतुलन स्वस्थ जीवन का मूल है। उन्होंने कहा, “वजन बढ़ाना केवल शारीरिक परिवर्तन नहीं है, यह आत्मा, मन, और शरीर का सामंजस्य है। जब हम अपने शरीर को सही पोषण और ध्यान देते हैं, तो हम न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हैं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी मजबूत होते हैं।”

उनका मानना कि वजन बढ़ाने का उद्देश्य केवल आकर्षक दिखना नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने के दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए।


आयुर्वेद के माध्यम से वजन बढ़ाना न केवल सुरक्षित और प्राकृतिक है, बल्कि यह दीर्घकालिक लाभ भी प्रदान करता है। सही आहार, जड़ी-बूटियाँ, और जीवनशैली का पालन करके आप न केवल अपने वजन को संतुलित कर सकते हैं, बल्कि अपने जीवन को भी स्वस्थ और खुशहाल बना सकते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज की शिक्षाओं के अनुसार, सच्चा स्वास्थ्य केवल बाहरी सुंदरता में नहीं है, बल्कि आंतरिक शांति और संतुलन में है। अगर आप आयुर्वेद के इन सिद्धांतों का पालन करेंगे, तो न केवल आपका वजन बढ़ेगा, बल्कि आप एक संपूर्ण और संतुलित जीवन जी सकेंगे।

Weight gain kaise kare by premanand ji maharaj : आयुर्वेद से वजन कैसे बढ़ाएं? (प्रेमानंद जी महाराज के विचारों के अनुसार) आयुर्वेद, भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति, केवल बीमारियों के इलाज का साधन नहीं है, बल्कि यह स्वस्थ जीवन जीने की एक पूर्ण प्रणाली है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी…

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