हस्तमैथुन के दुष्प्रभाव : masterbution side effect by premanand ji maharaj

  • शक्ति और ऊर्जा की कमी: अत्यधिक हस्तमैथुन से शरीर की प्रजनन ऊर्जा (वीर्य) नष्ट होती है, जिससे कमजोरी और थकान महसूस होती है।
  • मांसपेशियों की कमजोरी: यह आदत शरीर की मांसपेशियों और स्नायु तंत्र को कमजोर बना सकती है।
  • यौन समस्याएं: अधिक हस्तमैथुन करने से शीघ्रपतन, स्तंभन दोष और यौन उत्तेजना में कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • तनाव और अवसाद: हस्तमैथुन के बाद व्यक्ति को अपराधबोध और तनाव महसूस हो सकता है।
  • स्मरणशक्ति की कमी: बार-बार हस्तमैथुन करने से ध्यान और स्मरणशक्ति कमजोर हो सकती है।
  • आत्मविश्वास में कमी: यह आदत व्यक्ति को आत्महीनता और असुरक्षा की भावना में धकेल सकती है।
  • आध्यात्मिक ऊर्जा का ह्रास: हमारी ऊर्जा, जो ध्यान और भक्ति में लगनी चाहिए, व्यर्थ चली जाती है।
  • ईश्वर के प्रति भक्ति में कमी: अशुद्ध विचारों से मन अशांत होता है, जिससे ईश्वर की आराधना में बाधा आती है।
  • आध्यात्मिक पतन: यह आदत आत्मा की शुद्धता को समाप्त कर देती है, जिससे व्यक्ति आध्यात्मिक मार्ग से भटक सकता है।
  • हस्तमैथुन की आदत व्यक्ति को अकेलापन और समाज से दूरी की ओर ले जाती है।
  • यह आदत धीरे-धीरे व्यक्ति को अपने कर्तव्यों से विमुख कर सकती है।
  • विवाह जीवन पर प्रभाव: अत्यधिक हस्तमैथुन करने वाले व्यक्ति में विवाह के बाद यौन समस्याएं हो सकती हैं।
  • बांझपन का खतरा: लगातार और अत्यधिक हस्तमैथुन प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

प्रेमानंद जी के अनुसार, सात्विक भोजन मन और शरीर को शुद्ध करता है।

  • तामसिक और रजसिक खाद्य पदार्थों (मसालेदार और तेलीय भोजन) से बचें।
  • हल्का और पौष्टिक भोजन करें।
  • अधिक मात्रा में फल, सब्जियां और दूध का सेवन करें।

हस्तमैथुन के दुष्प्रभाव : masterbution side effect by premanand ji maharaj : हस्तमैथुन, जिसे आधुनिक समय में एक सामान्य व्यवहार माना जाता है, वास्तव में शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से हानिकारक हो सकता है। प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, यह आदत न केवल हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती है,…